Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2022 · 1 min read

‘उम्मींद की रौशनी’

उलजनोंमें हम तो ऐसे फ़स गए,
मानो गहरी खाई में गिर गए…!
हर कोशिश करके देखलीं,
उलजनों को सुलझाने की…
लेकिन… भवंडर की तरह फ़स गए…!
अब तो नामुमकिन लग रही थी मंजिल,
लेकिन… उम्मींद की परखने रौशनी डालीं…!
जादू अपना कर गई…!..!
मेंहनत और विश्वास से,
हारी बाज़ी जीत गए…!!

Language: Hindi
173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll
दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll
गुप्तरत्न
!! दर्द भरी ख़बरें !!
!! दर्द भरी ख़बरें !!
Chunnu Lal Gupta
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
पूर्वार्थ
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
कृष्ण मलिक अम्बाला
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*प्रणय प्रभात*
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
चाहते हैं हम यह
चाहते हैं हम यह
gurudeenverma198
मजबूरी
मजबूरी
The_dk_poetry
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
मल्हारी गीत
मल्हारी गीत "बरसी बदरी मेघा गरजे खुश हो गये किसान।
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
दिनकर शांत हो
दिनकर शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
"टी शर्ट"
Dr Meenu Poonia
भगवा रंग छाएगा
भगवा रंग छाएगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
गिलोटिन
गिलोटिन
Dr. Kishan tandon kranti
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
मेरी शायरी
मेरी शायरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
Dr MusafiR BaithA
निर्झरिणी है काव्य की, झर झर बहती जाय
निर्झरिणी है काव्य की, झर झर बहती जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...