उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
यादों के घड़े भर मीठे पानी को
जैसे एक मुट्ठी नमक ने
खारा कर दिया
ये यादें भी ना
एक अजीब शय है
उन कचोटती यादों का क्या
यादों के घड़े भर मीठे पानी को
जैसे एक मुट्ठी नमक ने
खारा कर दिया
ये यादें भी ना
एक अजीब शय है