उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
जिसने पल पल किनारे बदले।
अपनी तस्वीर को भी पत्थर से तोड़ना चाहा,
वो मेरे चेहरे पर ऐतबार करे कैसे।
श्याम सांवरा…
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
जिसने पल पल किनारे बदले।
अपनी तस्वीर को भी पत्थर से तोड़ना चाहा,
वो मेरे चेहरे पर ऐतबार करे कैसे।
श्याम सांवरा…