उनके साथ बिताये पलों की यादें
याद तो तुम
हर पल ही आते हो
मैं तुम्हें कैसे भूल जाऊं और
क्यों भूल जाऊं
जिसने मुझे इतना प्यार किया
इतना स्नेह दिया
खुद से भी बढ़कर
उसे मैं कैसे भूल जाऊं
मैं इस दुनिया के रंग में नहीं
रंगती
इसकी चमक दमक से कोसों दूर हूं
जो मेरे अपनों से
मुझे एक पल के लिए भी
जुदा करे
ऐसे हर वैभव
हर आराम
हर अरमान से
मीलों दूर हूं
मैं गुजरती भी
उन्हीं रास्तों से हूं जो
मुझे उनकी याद दिलाये
मैं यह शहर
यह घर
यह सामान
कभी नहीं छोडूंगी
जिनसे मेरी उनके साथ
बिताये पलों की यादें बंधी हैं
मैं उनका साथ
कभी नहीं छोडूंगी
चाहे तो वह मुझे छोड़ दे
मेरा हाथ
हमेशा के लिए
छोड़ दे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001