उनकी आंखों में भी
तुमने मेरे लिए
गुलाब भेजे हैं
गुलाबी रंगत लिए
फूल भेजे हैं
लाजवाब भेजे हैं
बेहिसाब भेजे हैं
इनके साथ अब तक जी रहे
कांटों को उखाड़कर
कहां फेंक आये कि
हमने तो उनकी आंखों में भी
तमन्नाओं के अनगिनत दीयों से जलते
महलों के ख्वाब देखे हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001