Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

उनकी आंखों में भी

तुमने मेरे लिए
गुलाब भेजे हैं
गुलाबी रंगत लिए
फूल भेजे हैं
लाजवाब भेजे हैं
बेहिसाब भेजे हैं
इनके साथ अब तक जी रहे
कांटों को उखाड़कर
कहां फेंक आये कि
हमने तो उनकी आंखों में भी
तमन्नाओं के अनगिनत दीयों से जलते
महलों के ख्वाब देखे हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
वो मेरी कविता
वो मेरी कविता
Dr.Priya Soni Khare
पानी  के छींटें में भी  दम बहुत है
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
Paras Nath Jha
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
Ravikesh Jha
पल
पल
Sangeeta Beniwal
बेडी परतंत्रता की 🙏
बेडी परतंत्रता की 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गम में वह कुवत है कि,
गम में वह कुवत है कि,
TAMANNA BILASPURI
हां वो तुम हो...
हां वो तुम हो...
Anand Kumar
???????
???????
शेखर सिंह
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*प्रणय*
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
*अध्याय 9*
*अध्याय 9*
Ravi Prakash
पूस की रात।
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
Sanjay ' शून्य'
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
16.5.24
16.5.24
sushil yadav
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
4598.*पूर्णिका*
4598.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...