==* उनका क्या कर पायेंगे *==
गद्दारों को पकड़ पकड़ कर
कैसे मार गिरायेंगे
छुपकर बैठे दामन में माँ के
उनका क्या कर पायेंगे
खैर वो तो दुश्मन, दुश्मन ठैरे
आतंकवाद बढायेंगे
अपने भाई जो भटक गये
उनका क्या कर पायेंगे
मिट्टी अपनी खून भी अपना
किसका लहुँ बहायेंगे
स्वार्थ की खातिर खुदको बेचें
उनका क्या कर पायेंगे
ऊँच नींच का पगड़ा बहका
समतल क्या कर पायेंगे
जाती धर्म पर लढ रहें जो
उनका क्या कर पायेंगे
कातिल अपने क़त्ल भी अपना
किस को दोष लगायेंगे
अपने हि कुत्ते पागल हो बैठे
उनका क्या कर पायेंगे
हम उनका क्या कर पायेंगे
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शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र.९९७५९९५४५०
दि.२०/१०/२०१६