उदास मन..😞😞
उदास मन की धड़कनें हैं बैठी,
चिंताओं से भरी हर रात है वैठी।
आँखों में छाया हुआ अंधकार,
खो गई है प्यार के खुशियों की चमक ।
मन क्यों उदास है, ये नहीं पता,
खो गए हैं ख्वाब सब गुजरते पल।
खो गया हैं मुस्कानों का रंग,
चले गए हैं वो, छोड़ गए इशारे।
उदास मन के सवालों के जवाब,
मिट गए हैं खामोशी के परचम।
ढल गई हैं उम्मीदों की सहारा,
खो गई हैं खुशियों की आसरा।
सुनो, उदास मन का इक दरिया है,
जिसमें छुपी हैं खोई हुई ख्वाहिशें।
लेकिन जानो, ये दरिया भी बहता है,
और खुशियों की राहत से मिलता हैं आशियाना।
उदास मन को राहत मिलेगी एक दिन,
चिंताओं की रातें छुपेंगी धुप में।
जीने का सबब हैं ये उदासी का मोल,
उदास मन को जीने की नई कश्ती समझें।