“उत्सवों का महत्व”
प्रेम और सद्भाव से, हर बंधन को ये बांधती है,
रिश्तों में मिठास घोल, हर ग़म को दूर भगाती है!!
जीवन की बगिया में, खुशियों के फूल खिलाती है,
ये जीवन की धड़कन हैं, हर दिल में उमंग लाती है!!
दीपों की लौ से सजी, हर रात यहां चाँदनी सी लगे,
दिल की झोली में वो, उम्मीद की नई किरणें भरे!!
जब आती रंगों की होली, दिलों में रंग बिखराती है,
हर मन की प्यास बुझा, प्रेम उमंग की गंगा बहाती है!!
रमज़ान की रूहानी शांति हो, या गुरुपर्व की लहर,
हर धर्म के संदेश में, मिलती सुख की रहनुमा डगर!!
ईद का चांद हो या हो, दीवाली में वो जलता दीपक,
चहुं ओर उजाला फैलाती, स्नेह का सूरज दमकाती है!!
क्रिसमस की घंटी बजे, तो गीत मधुर गूंजे चहुं ओर,
नव वर्ष की आहट सुन, दिलों में नई उम्मीद जगाती है!!
बसंत की ऋतु में फूलों सी, हर मन खिलती मुस्काती है,
उत्सव की बगिया से जीवन, फिर से नव रस पाती है!!
उत्सव केवल पर्व ही नहीं, ये नव जीवन की आशा है,
सच्ची खुशी की चाह, दिलों में धड़कन की परिभाषा है!!
साथ साथ बांटते हर्ष को, दुःख भी अनायास मिटाती है,
ये सभी उत्सव ही, हर दिल में आस विश्वास जगाती है!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़