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31 Dec 2021 · 1 min read

उड़ान

मन कुछ व्याकुल सा है
न जाने चाहता क्या है
रोशनी कर चरागों से तू
तिमिर में भटकता क्यों है
अपने हौसलों से छू सकता है आसमान
फिर ज़माने को उड़ान दिखाता क्यों न है।।
थाह मिल जाए समुंद्र को ,,ऎसा तो बस कहा जाता है
अगर जान हो इरादों में
तो गागर में भी सागर भरा जाता है

✍️✍️रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 385 Views
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