उड़ान जिंदगी की
डर किस बात का यारो,
उसूल अपने बजूद अपना,
रूआब अपना, मुकाम अपना,
तो डर कैसा, उठा कदम,
डर मत, जीत चंद करीब है,
करेगा कोशिश, मिलेगी जन्नत,
वरना तू नामाकूल है,
उडा़न भर ले जिंदगी की,
अभी मौका ए दस्तूर है।
हो जायेगा मजबूर तू,
कामयाबी भरी दास्तां पर,
ताली खुद-ब-खुद बजाने पर
आज थक गया तो बन्दे बैठा रहेगा,
किस्मत के उसूल को,
डर मत उठा कदम,
जीत बस चंद करीब है।