उठो उठो मेरे जागो बेटा
उठो उठो मेरे जागो बैटा मेेैया बुलाया करती है| हुआ सबेरा मुर्गा वोला,चिडियाँ कू-कू करती है||
सूरज की किरणे भी यारो बिखरा बिखरा करती है|
कलियो ने अपना मुँह खोला,चमन खिला भी करती है||
खुशबू फूलो की महकी है भँवरा गुँजन करते है|
बच्चो की किलकारी से भी मॉ मुस्काया करती है||
कृष्णा जागो प्रियम मेरे राह बुलाया करती है|
लाड़ प्यार से दादी नानी हमें खिला़या करती है||
उठो उठो मेरे जागो बैटा मेेैया बुलाया करती है|
हुआ सबेरा मुर्गा वोला,चिडियाँ कू-कू करती है||