उठ!जाग
उठ!जाग
समय है शेर हिरण सा भाग
एक तरफ जल है एक तरफ आग
प्रतीक्षा नहीं करता समय
तू भी मत कर
साहस को साथ ले
किसी से मत डर
संघर्ष जिंदगी है सहर्ष कर, सहर्ष कर
दुःख ना अवसाद हो
सुख ना अभिमान
आज का अर्जुन तू
कृष्ण की बात मान
कायर सा बनकर तू
दुनिया से मत भाग
यह तो है एक मंदिर
इससे कर अनुराग
मानव से बड़ा नहीं
कोई यह मान
तेरे ही वंश में हैं
विज्ञान और भगवान