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8 Jul 2021 · 1 min read

उजालों से डर लगता है

बेतरतीब और गफ़लत भरे ,खयालों से डर लगता है।
वक़्त के पूछे गए अजीबोगरीब, सवालों से डर लगता है।
अंधेरा ऐसा भी छा जाता है बदनसीबी का कभी,
कि अंधेरों से क्या कहें ,उजालों से डर लगता है।
– सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 2 Comments · 344 Views
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