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6 Oct 2021 · 1 min read

उजालों से अंधेरों मे बदल गए लोग

उजालों से अंधेरों मे बदल गए लोग
फितरत के मुताबिक ढल गए लोग

सुलगते शोलों के मानिंद थे कमजर्फ
थोड़ी हवा लगी और जल गए लोग

मैदाने जंग मे बड़ा जूनून जगायेगी
ये जो मिट्टी बदन पर मल गए लोग

फूंक दिया जानबूझकर बैकसूरों को
मुझे भी आज बहुत खल गए लोग

हमने प्यार से उन्हें छूना क्या चाहा
हाथ लगाया था कि गल गए लोग
मारूफ आलम

1 Like · 224 Views

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