उछाह
उछाह
सफलता के
नए सोपान गढता है,
शिराओं में
तप्त
रक्त का
उफान भरता है।
माउंटेन मैन
दशरथ मांझी,
जंगल का विश्वकोश
तुलसी गौड़ा,
सीड मदर
राहीबाई सोमा पोपेरे,
अक्षर संत संतरे वाला,
हरेकाला हजब्बा,
ड्रायलैंड एग्रोफोरेस्टर
सुण्डाराम वर्मा,
भील कलाकार
भूरी बाई,
सुलभ संस्था अध्यक्ष
ऊषा चौमार
गौ सेवक
शब्बीर सैय्यद ने
हौसलों की नयी
इबारत लिखी।
अध्यवसाय
इतिहास रचता है,
नए कीर्तिमान
स्थापित करता आया है,
युगों युगों से।