*ई रिक्शा पर प्रतिबंध : कुछ दोहे*
ई रिक्शा पर प्रतिबंध : कुछ दोहे
■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
पहले था अच्छा -भला ,गलियों का संसार
अब कारें आती नहीं ,रिक्शा तक बेकार
(2)
मेन-रोड का हो गया , ऐसे बंटाधार
सड़कों पर बाइक खड़ी ,रिक्शा तक लाचार
(3)
खड़ी हुई हैं बाइकें ,करके रस्ता-जाम
ई रिक्शा पर लग रहा ,नाहक झूठा नाम
(4)
शहर पुराना हो गया ,आदिम युग का गाँव
रिक्शा तक मिलती नहीं ,चलते अपने पाँव
(5)
बाइक से कैसे चलें , बूढ़े रोगी लोग
उनको करने दीजिए, रिक्शा का उपयोग
(6)
हम बूढ़ों को मिल गई ,समझो जैसे जेल
रिक्शा प्रतिबंधित हुई ,बाइक थी बेमेल
(7)
रिक्शा-कारों पर लगा ,जब से है प्रतिबंध
शहर पुराना मानिए ,हुआ कूप ज्यों अंध
(8)
रिक्शा-बाइक-टैक्सियाँ ,दौड़ें सब अविराम
पार्किंग में जाकर रुकें , करना यदि विश्राम
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451