*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)
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1)
ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम
मोटरसाइकिल ने किया, सभी जगह पर जाम
2)
अतिक्रमण का कर रहीं, मोटरसाइकिल काम
किंतु कौन देगा इन्हें, आरोपी का नाम
3)
ई-रिक्शा से चल रहा, जनसाधारण आम
मोटरसाइकिल धर रहीं, इन पर दोष तमाम
4)
ई-रिक्शा है कब रुकी, चलना इसकी शान
मोटरसाइकिल देखिए, पसरी सीना तान
5)
ई-रिक्शा पर हो रहा, मध्यम वर्ग सवार
बड़े-बड़ों का है मगर, इसके ऊपर वार
6)
मिले मार्ग में अजनबी, हुई जान-पहचान
मेल बढ़ाना इस तरह, ई-रिक्शा की शान
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451