*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (पॉंच दोहे)*
ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (पॉंच दोहे)
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1)
ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम ।
बाइक ने बहुधा किया, सभी जगह पर जाम।।
2)
ई-रिक्शा से चल रहा, जनसाधारण आम।
किंतु बाइकें धर रहीं, इन पर दोष तमाम।।
3)
ई-रिक्शा है कब रुकी, चलना इसकी शान।
बाइक लेकिन देखिए, पसरी सीना तान।।
4)
ई-रिक्शा पर हो रहा, मध्यम वर्ग सवार।
बड़े-बड़ों का है मगर, इसके ऊपर वार।।
5)
मिले मार्ग में अजनबी, हुई जान-पहचान।
मेल बढ़ाना इस तरह, ई-रिक्शा की शान।।
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451