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20 Sep 2024 · 1 min read

ईश्वर की दृष्टि से

ईश्वर की दृष्टि से
कभी कोई दूर नहीं होता ।
दिखावे के दान का
कोई मूल्य नहीं होता ।।

समझा है यही मैंने
और समझना है तुम्हें भी ।
स्वयं के सिवा स्वयं का
कोई मित्र नहीं होता ।।

सार्थकता है तभी जब
निस्वार्थ हो जीवन ।
मानवता नहीं जिसमें
वो मनुष्य नहीं होता ।।

सत्यता यही है कोई
अतिश्योक्ति नहीं है ।
हृदय में समाहित हो
वो विलग नहीं होता ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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