Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

ईश्वर का घर

किसी चालाक आदमी ने
ईश्वर को बनाया
बनाकर बताया कि हर जगह रहता है वह
लेकिन उसके लिए घर बनाया
उसे आलीशान घर तक में बिठा आया
आलम यह है कि
बेघर लोग भी उसे देवता समझ बैठे!

Language: Hindi
1 Like · 339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
Ajit Kumar "Karn"
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
दोनों मुकर जाएं
दोनों मुकर जाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3673.💐 *पूर्णिका* 💐
3673.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोनों की सादगी देख कर ऐसा नज़र आता है जैसे,
दोनों की सादगी देख कर ऐसा नज़र आता है जैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
മയിൽപ്പീലി-
മയിൽപ്പീലി-
Heera S
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Neelofar Khan
*चिकने-चुपड़े लिए मुखौटे, छल करने को आते हैं (हिंदी गजल)*
*चिकने-चुपड़े लिए मुखौटे, छल करने को आते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
*प्रणय*
आत्मा
आत्मा
राधेश्याम "रागी"
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
कटे पेड़ को देखने,
कटे पेड़ को देखने,
sushil sarna
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
* संसार में *
* संसार में *
surenderpal vaidya
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
Ekta chitrangini
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"इंसानियत की सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...