ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
बेटी ही जग जननी है,सकल गुणों की खान है।।
होती हैं जिस घर में बेटियां, वो घर स्वर्ग समान है।
खुशियां ही खुशियां वसती हैं, और वसते भगवान हैं।।
नहीं जहां बेटी का आदर,वो घर भूतहा मकान है।
सकल दुखों घर है वो, वसते अंधकार अज्ञान है।।
दुनिया बालों आंखें खोलो,बेटी बड़ी महान हैं।
आदर सम्मान से वेटी के, खुश होते भगवान हैं।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी