– ईर्ष्या तू नही गई मेरे मन से –
– ईर्ष्या तू नही गई मेरे मन से –
किसी को पाने की लालसा,
किसी का हो जाने का ख्वाब,
सबको देखू खुश में ,
ईश्वर से करू बस यही एक अरदास,
दिली तमन्ना मां शारदे के चरणों में रहने की,
मां के चरणों की सेवा करने की,
उसका अबोध बालक बनके रहने की,
सबसे छोटा हु , रहू सबका लाडला,
प्यार सभी का पाऊं, स्नेह के सभी का आकांक्षी सदा रहू,
बस इतनी सी मेरी निजी है मेरी खुद से ही ईर्ष्या,
कर लिए मेने लाखो जतन फिर भी,
ईर्ष्या तू नही गई मेरे मन से,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –