ईद मुबारक
ईद पर मिलते थे एक दुसरे के गले
पर आज मिल लो यादो मैं जैसे उन दिनो मिले,
वक्त थोड़ा सा नही है साथ….हालत से मजबूर है हम और आप
शीर कोरमा बन तो रहा है,
ईबादत के लिए हाथ भी उठे हैं,
दूर रहकर भी दूरिया नही लाओ…
ताउम्र साथ रहना है तो अभी कुछ दूरी अपनाओ!
– सुरभी