*ईद बधाई 【भक्ति गीत】*
ईद बधाई 【भक्ति गीत】
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एक माह के तप की परिणति ,आई ईद बधाई
(1)
दिनभर रोजे रखे जिन्होंने भूख-प्यास को जीता
धन्य-धन्य है वह साधक जो जल भी तनिक न पीता
वीर विजेता मन-घोड़ों पर ,विजय जिन्होंने पाई
(2)
मन को रख एकाग्र ईश के सदा ध्यान में डूबा
दुनिया से बेखबर आत्म-विचरण से कभी न ऊबा
जहाँ अपरिमित-प्रेम उसी की ,गाथा जग ने गाई
(3)
आँख मूँदने से मिल जाता वह जो सब जग व्यापा
विजय इंद्रियों पर साधक ने पाकर सब जग नापा
धन्य-धन्य अंतर्मन जिसमें ,प्रभु जी की प्रभुताई
एक माह के तप की परिणति ,आई ईद बधाई
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उ. प्र.) मोबाइल 99976 15451