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9 Jul 2023 · 1 min read

इस तरह का कभी हादसा फिर न हो

इस तरह का कभी हादसा फिर न हो
ज़ीस्त में इश्क़ का सानेहा फिर न हो

दिल के हर पेड़ को ख़त्म जड़ से करो
ताकि दिल में कभी घोंसला फिर न हो

नींद की गोलियां दिल को देके रखो
दिल कम-अज़-कम कभी दिल-ज़दा फिर न हो

आए कितने सुख़नवर जहां में मगर
दूसरा कोई पर ‘एलिया’ फिर न हो

-जॉनी अहमद ‘क़ैस’

Language: Hindi
108 Views
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