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4 Sep 2021 · 1 min read

इस घर में

एक दरवाजा
दूसरा दरवाजा
तीसरा दरवाजा
इस घर में सौ दरवाजे हैं
लेकिन यह घर
मेरे लिये एक कैदखाना है
यह सारे दरवाजे
दिनभर क्या
रात में भी खुले रहते हैं
कोई नहीं रोकता मुझे कि
मैं घर की चारदीवारी में
कैद रहूं
मैं खुद ही इस घर से
बाहर निकलना
नहीं चाहती
दुनिया में
मुझे कोई घर नहीं मिलता और
इस घर में मुझे
सारी दुनिया मिलती है तो
कोई भला मुझे बताये तो कि
मैं इस घर से बाहर क्यों
निकलूं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
463 Views
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