Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

इस गुलिस्तान को महका दो

जिन्दगी खत्म हो जायेगी
यह मुझे खबर है !!
कह दूं अलफ़ाज़ जो दिल में
मेरे बाकी रह गए हैं !!

प्यार की दास्ताँ को लेकर
दुनिया में पैदा हुआ था !!
जाने से पहले क्यूं न
लूटा दूं इस को (प्यार) इस जहाँ में !!

वो ऊपर बैठा येही तो पूछेगा
भेजा ही था तुझे इसी के वास्ते !!
तुने वो अलख जगा दी जहाँ में
जिस के लिए मैं भी बेताब था !!

नज़रों में गिर न जाना दुनिया वालों के
नहीं तो ऊँगली मुझ पर उठेगी !!
वो यही कहेंगे सभी के सामने
दर पे तो बहुत जाता था पर
निकला वो अपने वास्ते !!

गरूर करून तो किस बात का
बन्दा मैं सीधा सादा !!
जब जाऊँगा इस जहाँ से
तो कोई हसरत न बाकी होगी
मेरे लिए इस जहाँ में !!

याद करके रो जरूर लोगो तुम उस दिन
जिस दिन मैं न होऊंगा तुम्हारे सामने !!
मैं तो आया था नफरत मिटाने
प्यार बहाने , खुशियाँ लुटाने ,रोशन करने
इस गुलिस्तान को बस महकाने !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
5 हाइकु
5 हाइकु
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
Dr Archana Gupta
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
नियम
नियम
Ajay Mishra
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
सहारा
सहारा
Neeraj Agarwal
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
Pratibha Pandey
निर्जन पथ का राही
निर्जन पथ का राही
नवीन जोशी 'नवल'
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
Dilip Kumar
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
मेरा विज्ञान सफर
मेरा विज्ञान सफर
Ms.Ankit Halke jha
"प्यासा कुआँ"
Dr. Kishan tandon kranti
सुप्रभात..
सुप्रभात..
आर.एस. 'प्रीतम'
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
shabina. Naaz
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
#मिसाल-
#मिसाल-
*Author प्रणय प्रभात*
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
ज़िंदगी की ज़रूरत में
ज़िंदगी की ज़रूरत में
Dr fauzia Naseem shad
धूम भी मच सकती है
धूम भी मच सकती है
gurudeenverma198
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...