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20 May 2022 · 2 min read

इस्कूली प्राथमिक शिक्षा:बदलैत स्वरुप।

इस्कूली प्राथमिक शिक्षा:बदलैत स्वरुप।

प्राचीन काल मे विद्यार्थी गुरु आश्रम मे विद्या प्राप्त करैत जाइत रहे। गुरु आश्रम के गुरु कुलो कहैत जाइत रहे।राजा हो वा रंक के बच्चा वन मे स्थित गुरुकुल में रह के विद्या अध्ययन करैत रहे। गुरुकुल राज्याश्रित न रहे वरन् स्वतंत्र रहे।

मुगलकाल मे शिक्षक (मौलबी) शिक्षार्थी के घर पर जाके शिक्षा देइत रहे।वा मस्जिद (मदरसा) मे शिक्षा देबे। धार्मिक संस्थाधीन।

अंग्रेज काल(आधुनिक काल)मे शिक्षार्थी आ शिक्षक के आवास से अलग एकटा स्थान पर स्थित इस्कूल मे शिक्षक शिक्षार्थी के शिक्षा देबे लागल। जिला परिषद वा नगर पालिकाधीन।

यानी तीन प्रकार के इस्कूली शिक्षा गुरु के आश्रम मे, शिक्षार्थी के घर पर वा धर्म स्थल पर आ शिक्षक-शिक्षार्थी के आवास से अलग विद्यालय मे।
स्वतंत्र भारत मे इस्कूली प्राथमिक शिक्षा।
१.सरकारी इस्कूली प्राथमिक शिक्षा।
२.निजी इस्कूली प्राथमिक शिक्षा।

१. सरकारी इस्कूली प्राथमिक शिक्षा- स्वतंत्र भारत मे तीन तरह के स्कूली शिक्षा चल रहल हैय। केंद्र सरकार से नियंत्रित सेंट्रल स्कूल।जैइमे केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी पदाधिकारी के बच्चा के पढे के लेल बनायल गेल हैय।सिट बचला पर राज्य सरकार के कर्मचारी पदाधिकारी के बच्चा आ सिट बचला पर अन्य बच्चा के पढे के विधान हैय। नामांकन नर्सरी मे पहले आओ। पहले पाओ।बाद बला के लेल इस्कूल स्तरीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर। पढ़ाई सीबीएसइ के पाठ्यक्रम पर होइ हैय। शिक्षक के बहाली प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर। शिक्षक के केवल शिक्षण काज।

दोसर केंद्र सरकार के नियंत्रणाधीन नवोदय विद्यालय।जैइमे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चा पांचवां वर्ग के बच्चा के प्रवेश परीक्षा के आधार पर छठा वर्ग मे नामांकन होय हैय। सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू हैय। शिक्षक के बहाली प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर होय हैय। शिक्षक के केवल शिक्षण काज।

तेसर राज्याधीन सरकारी विद्यालय हैय।जैइमे प्रवेश के लेल केवल बच्चा के उमर छह साल होय के चाही। कोनो प्रवेश परीक्षा न आ सालो भर प्रवेश ले सकै हैय।उमर सापेक्ष वर्ग में भी नामांकन हो सकै हैय। वर्ग परीक्षा मे केवल सम्मिलित होनाइ अनिवार्य हैय। उच्च वर्ग के लेल प्रोमोशन के प्राबधान हैय। पढाई बिहार राज्य शिक्षा परिषद पाठ्यक्रम पर होइ हैं। बच्चा के लेल मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति आ पोशाक के प्राबधान हैय।जै के लेल बच्चा के ७५प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य हैय।आबि प्राथमिक शिक्षा पंचायती राज के अधीन हैय। शिक्षक के बहाली अंक आधारित हैय।इधर केंद्र सरकार पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनिवार्य कैलक है। शिक्षक के शिक्षण काज के अलावा गैर शिक्षण काज।
दू तरह के विद्यालय हैय।
१.प्राथमिक विद्यालय।जैइमे वर्ग पहिला सं वर्ग पांचमा तक पढाई।
२.प्रारम्भिक वा मध्य विद्यालय।जैइमे वर्ग पहिला सं वर्ग आठमा तक पढ़ाई।
बिहार मे पंचायती राज के अधीन शिक्षक-
१.पंचायत शिक्षक (पंचायत संवर्ग)
२.प्रखंड शिक्षक (प्रखंड संवर्ग)
३.नगर शिक्षक (नगर पालिका संवर्ग)
बिहार राज्य सरकार के अधीन शिक्षक
सहायक शिक्षक (जिला संवर्ग)

२.निजी इस्कूली प्राथमिक शिक्षा।
(क) सीबीएसई से संबंध।
निजी प्रबंधन।
(ख) आईसीएसई से संबंध।
निजी प्रबंधन।
(ख)राज्य सरकार से संबद्ध निजी विद्यालय (गैर सरकारी विद्यालय)
निजी प्रबंधन।

निष्कर्षत: इस्कूली प्राथमिक शिक्षा के बदलैत स्वरुप में समान शिक्षा आ समान स्कूल प्रणाली लागू न हैय। एकरा करे के आवश्यकता हैय।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार, सीतामढ़ी।

Language: Maithili
Tag: लेख
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