इसमें रदीफ़ काफ़़िया रहता जरूर है।
गज़ल
काफ़िया- आ
रद़ीफ- जरूर है
मफ़ऊलु फ़ाइलातु फ़ईलातु फ़ाइलुन
221 2121 1221 212
सीखो गज़ल में ज्ञान भी होता जरूर है।
इसमें रदीफ़ काफ़़िया रहता जरूर है।
बेहतर रहे कि आपको आ जाए बह्र भी,
बेबह्र पे तो उंगली उठना जरूर है।
दुष्यंत मीर जौक व गालिब से सीखिए
पढ़ने से ज्ञान आप का बढ़ता जरूर है।
हिंदी रहे या फारसी उर्दू के शब्द हों,
कैसे कहाँ पे बोलना सिखना जरूर है।
कहना मेरा ये शौकेगजल दूर तक गया,
प्रेमी बनो कि प्रेम से कहना जरूर है।
…….✍️ प्रेमी