इश्क
यूं उदासी के बादल में न रहा कर
तेरे पर हसी खिलती है
जो चाहो वो मिल जाए
ऐसी किस्मत किसे मिलती है
वो देखते नहीं तुम्हे नजर उठा के
इस बात का गम न कर
संवर लिया कर हर दिन को शायद
तुझे देख किसी को खुशी मिलती हो
वो न मिले तुझे तो समझ लेना
तेरे नसीब में उससे भी कुछ अच्छा है
और इस बात से खुश हो जाना
जैसा भी तेरा इश्क सच्चा हैं
शुन्या