*इश्क वो करे*
इश्क वो करे
जरा सम्भाले रखो तुम अपने सवाल को,,
हम भी रोके रखे है अपने दिले ख्याल को,,
कल कोई चिंगारी शोला न बनजाये कही,,
फिर कहाँ छुपाओगे अपने हालाते बवाल को,,
आज तो हम है चलो सुनादो सब कुछ अपना,,
हम जो दूर हुये तो क्या सुनाओगे दरो दीवाल को,,
हसरतो को इतना भी रंगीन न करो अभी,,
थोड़ा सब्र करो अभी देखो फिर इश्के कमाल को,,
हर चिराग रोशनदान के लिये नही होता है याद रहे,,
सोनु से इश्क वो करे जो डरे न होने हलाल को,,
सोनु जैन मन्दसौर