Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2022 · 1 min read

इश्क़

अपना हमें, बनाते क्यों नहीं….
——————–
राज ए दिल’ कोई,बताते क्यों नहीं।
इश्क गर है तुम्हे जताते क्यों नहीं।

कब तलक यूँ ,छुपाओगे इन अश्कों को
रुख से पर्दा कभी, हटाते क्यों नहीं

ये गिले शिकवे यूँ ही चलते रहेंगे,
रूठे है हम तो, तुम मनाते क्यों नहीं।

है तलब, गर उतरने की इस रूह में
तो सीने से, हमें लगाते क्यों नहीं।

अब न जाये सहा,औ दर्द-ए-दिल सनम,
देव’अपना हमें, बनाते क्यों नहीं।

शायर देव मेहरानियाँ
अलवर, राजस्थान
(शायर, कवि व गीतकार)
slmehraniya@gmail.com

1 Like · 414 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
पूर्वार्थ
मातृशक्ति का ये अपमान?
मातृशक्ति का ये अपमान?
Anamika Tiwari 'annpurna '
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
हिंदी दोहे- कलंक
हिंदी दोहे- कलंक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आओ चलते हैं
आओ चलते हैं
Arghyadeep Chakraborty
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
Ravi Prakash
दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
*मतलब की दुनिया*
*मतलब की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
* मिल बढ़ो आगे *
* मिल बढ़ो आगे *
surenderpal vaidya
पुराने घर की दरारें
पुराने घर की दरारें
Chitra Bisht
चलो हम सब मतदान करें
चलो हम सब मतदान करें
Sonam Puneet Dubey
3959.💐 *पूर्णिका* 💐
3959.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ये दुनिया
ये दुनिया
इंजी. संजय श्रीवास्तव
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
Ravikesh Jha
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
दिए की रोशनी
दिए की रोशनी
Saraswati Bajpai
#नारी तू नारायणी
#नारी तू नारायणी
Radheshyam Khatik
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
सत्य कुमार प्रेमी
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय*
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
" मंजिल "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...