इबारतें जीवन की…
इबारतें लिख दी तुमने मेरे जीवन की
मसले इस ज़िन्दगी के बस हल करने बाकी है!
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तुम होती तो सब आसान होता
तुम्हारे बगैर अब मसले हल नहीं होते!
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जीवन की कठिन परीक्षा है
उत्तीर्ण होना सफर में बड़ी चुनौती है!
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तुम होती तो इन इबारतों का कोई वजूद नहीं
मसले तो खुद ब खुद हल हो जाते!
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संघर्ष समझूँ या दुर्भाग्य
फासले जो इतने हो चले!
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तुम आसमाँ पर आज…
हम धरती पर जहाँ तुमनेे जन्म दिया मुझे!
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अधूरे रह गये जीवन के मसले
तुमने इबारत ही इतनी कठिन लिख दी!
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किस फार्मूले से हल करूँ जीवन के सवाल
तुम्हारे बिना कुछ समझ आता नहीं!
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बिना हल के हर सवाल अपने में अधूरे हैं
करना है L. H. S. =R. H. S
आखिर कैसे इसको Proved करूँ!
……….बोलो ना माँ……..
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शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)