Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2018 · 1 min read

इफ्तार पार्टी तो बहाना है हमे तो महागठबंधन बुलना है -आर के रस्तोगी

इफ्तार पार्टी करना तो केवल एक बहाना है
इस बहाने तो महागठबंधन को बुलाना है

बुलाया है उन नेताओ को जो रोजा नहीं रखते
रोजा बिना रखे टोपी पहन कर मुसल्मा बनते

अगर ये सर्व धर्म समान है और धर्मो को क्यों नहीं बुलाते ?
भारत में जैन,सिख,बोध धर्म भी है उनको क्यों नहीं बुलाते ?

सन 14 के बाद क्यों याद आई इफ्तार पार्टी बुलाना ?
चूकी महागठबंधन बुलाना था और मोदी को है हटाना

केवल वोट बैंक के लिये हो रहा है ये सारा तमाशा
सारे नेता हो रहे है इकठ्ठे,चूकी विपक्ष है अब हताशा

ये भी अजीब तमाशा है,बिना रोजे के रोजा खोल रहे
रोजा खोलने के समय तक ही ये टोपी को पहन रहे

अंदर कुछ है बाहर कुछ है,केवल वोटर को फुसलाना है
इफ्तार पार्टी देना तो केवल महागठबंधन को बुलाना है

आर के रस्तोगी
9971006425

Language: Hindi
221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
Priya princess panwar
रतन टाटा जी की बात थी खास
रतन टाटा जी की बात थी खास
Buddha Prakash
वसुधैव कुटुम्बकम्
वसुधैव कुटुम्बकम्
उमा झा
चिरंतन सत्य
चिरंतन सत्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
बढ़ते मानव चरण को
बढ़ते मानव चरण को
manorath maharaj
बरसने लगे जो कभी ये बादल I
बरसने लगे जो कभी ये बादल I
PRATIK JANGID
वो जो है नहीं....
वो जो है नहीं....
Madhavi Srivastava
"ज़ायज़ नहीं लगता"
ओसमणी साहू 'ओश'
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
सब तुम्हारा है
सब तुम्हारा है
sheema anmol
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
4012.💐 *पूर्णिका* 💐
4012.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"प्रथम अध्याय"
Dr. Kishan tandon kranti
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
शेखर सिंह
"व्यर्थ सलाह "
Yogendra Chaturwedi
💐फागुन होली गीत💐
💐फागुन होली गीत💐
Khaimsingh Saini
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
निर्मोही से लगाव का
निर्मोही से लगाव का
Chitra Bisht
रात क्या है?
रात क्या है?
Astuti Kumari
ठोकर
ठोकर
Shekhar Chandra Mitra
प्यार की हवा
प्यार की हवा
Neerja Sharma
दो टांगों वाले
दो टांगों वाले "भेड़िए" कम थे क्या, जो चार टांगों वाले भी आ ग
*प्रणय*
प्रेमरस
प्रेमरस
इंजी. संजय श्रीवास्तव
The moon you desire to see everyday,  maybe I can't be that
The moon you desire to see everyday, maybe I can't be that
Chaahat
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
होंसला, हिम्मत और खुदा
होंसला, हिम्मत और खुदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
सूचना
सूचना
Mukesh Kumar Rishi Verma
Loading...