Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2017 · 1 min read

इन्सान बडा़ है

ना हिन्दू बडा़ है ना मुसलमान बडा़ है
इन्सानियत हो जिसमें वो इन्सान बडा़ है।
एक ही अल्लाह एक ही राम हैं,
एक ही दाता के अनेकों ही नाम हैं,
ना बातें बड़ी है ना .ख़ानदान बड़ा है,
पहचान बढ़े जिससे वो अरमान बड़ा है।
ना हिन्दू………………….।
माटि के इस तन में रक्त एक ही तो है,
मौलवी हो चाहे भक्त एक ही तो है,
ना गीता बड़ी है ना कुरान बड़ा है,
फरियाद होवे जिससे वो आह्वान बडा़ है।
ना हिन्दू…………………..।
आओ मिलके दूर करें मजहबी बातें,
साथ.साथ मिलके गुजारें दिन रातें,
ना बाधा बड़ी है ना तुफान बड़ा है,

डट के रहे जो सामने इन्सान बडा़ है।
ना हिन्दू…………………..।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
Kishore Nigam
मेरी आंखों ने कुछ कहा होगा
मेरी आंखों ने कुछ कहा होगा
Dr fauzia Naseem shad
प्रणय 10
प्रणय 10
Ankita Patel
सात सवाल
सात सवाल
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
जुल्मतों के दौर में
जुल्मतों के दौर में
Shekhar Chandra Mitra
// श्री राम मंत्र //
// श्री राम मंत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
इश्क बाल औ कंघी
इश्क बाल औ कंघी
Sandeep Pande
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
🌼एकांत🌼
🌼एकांत🌼
ruby kumari
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*कागभुशुंडी जी नमन, काग-रूप विद्वान (कुछ दोहे)*
*कागभुशुंडी जी नमन, काग-रूप विद्वान (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
** फितरत **
** फितरत **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
gurudeenverma198
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
Neelam Sharma
"मातृत्व"
Dr. Kishan tandon kranti
मैकदे को जाता हूँ,
मैकदे को जाता हूँ,
Satish Srijan
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
पिता
पिता
Dr Manju Saini
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
*Author प्रणय प्रभात*
दृष्टिबाधित भले हूँ
दृष्टिबाधित भले हूँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...