इन्तजार का सफर
हर किसी को इन्तज़ार
रहता है अपने, अपनों का
सीमा पर जो रहते है
सैनिक
उनके घर पर
एक डर सा इन्तजार
रहता है
कब उनका इन्तजार
किस रूप में खत्म हो जाऐ ?
बुढे माता पिता को बेटे का
पत्नी को पति का
बहन को भाई का
बच्चों को पिता का
इन्तजार रहता है ताउम्र
हवा का एक झौंका
बिखेर देता है
हंसते खेलते परिवार को
इन्तजार जहाँ से
शुरू होता है
कई बार खत्म नहीं होता
कहीं पर
इन्तजार का सफर है लम्बा
जन्म से मृत्यु तक का सफर
श्मशान, कब्रिस्तान पर
जा कर ही
जब होता है जीवन का अंत
रूक जाता है इन्तजार
अपना भी और अपनों का भी