इन्तज़ार अब और नहीं
कोई आज भी तेरी राह देख रहा है
आते जाते लोगों से तेरा पता पूछ रहा है
तुम अब भी तड़पा रहे हो दीवाने को
जाने तुझे क्यों ये तरीका सूझ रहा है।।
तेरी आंखों में भी समंदर देखा है मैंने
अशांत लहरों का ऊफान देखा है मैंने
जाने कब तू मानेगा मेरी ये इल्तज़ा
तुझे भीड़ में भी तन्हा देखा है मैंने।।
अब तो तेरे पास कोई बहाना बचा नहीं
अपनो को ज्यादा सताना अच्छा नहीं
जो ढूंढोगे प्यार सारे जहान में अगर तुम
कहीं मिलेगा, मेरे प्यार के जैसा सच्चा नहीं।।
मिल जायेगी जन्नत में जगह उसको
इस उम्मीद में तेरा इंतज़ार कर रहा है
प्यार से ये कैसा डर लग रहा है तुम्हें
ये दिल तेरी हां का इंतज़ार कर रहा है।।
भूल गया है मुझको शायद तू आज
इसलिए मुझे साबित पराया कर रहा है
कोई तो रही होगी वजह तेरे पास भी जो
तेरा इंतज़ार आज तेरा साया कर रहा है।।
अब बहुत हो गया इन्तज़ार करना
समय भी निकला जा रहा है
अब तो बता दे मेरे कानों में आकर
तू कब मेरी गलियों में आ रहा है।।
साफ कह दे आकर पास मेरे अब
तू इतना मुझे क्यों तड़पा रहा है
सच होंगे मेरे सपने भी अब या
फिर तू मुझे सपने ही दिखा रहा है।।