Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2022 · 1 min read

इन्तज़ार अब और नहीं

कोई आज भी तेरी राह देख रहा है
आते जाते लोगों से तेरा पता पूछ रहा है
तुम अब भी तड़पा रहे हो दीवाने को
जाने तुझे क्यों ये तरीका सूझ रहा है।।

तेरी आंखों में भी समंदर देखा है मैंने
अशांत लहरों का ऊफान देखा है मैंने
जाने कब तू मानेगा मेरी ये इल्तज़ा
तुझे भीड़ में भी तन्हा देखा है मैंने।।

अब तो तेरे पास कोई बहाना बचा नहीं
अपनो को ज्यादा सताना अच्छा नहीं
जो ढूंढोगे प्यार सारे जहान में अगर तुम
कहीं मिलेगा, मेरे प्यार के जैसा सच्चा नहीं।।

मिल जायेगी जन्नत में जगह उसको
इस उम्मीद में तेरा इंतज़ार कर रहा है
प्यार से ये कैसा डर लग रहा है तुम्हें
ये दिल तेरी हां का इंतज़ार कर रहा है।।

भूल गया है मुझको शायद तू आज
इसलिए मुझे साबित पराया कर रहा है
कोई तो रही होगी वजह तेरे पास भी जो
तेरा इंतज़ार आज तेरा साया कर रहा है।।

अब बहुत हो गया इन्तज़ार करना
समय भी निकला जा रहा है
अब तो बता दे मेरे कानों में आकर
तू कब मेरी गलियों में आ रहा है।।

साफ कह दे आकर पास मेरे अब
तू इतना मुझे क्यों तड़पा रहा है
सच होंगे मेरे सपने भी अब या
फिर तू मुझे सपने ही दिखा रहा है।।

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
Dr Archana Gupta
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
* चाहतों में *
* चाहतों में *
surenderpal vaidya
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
🙂
🙂
Chaahat
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
दोहा .....
दोहा .....
Neelofar Khan
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
कवि रमेशराज
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
शादी की बुनियाद
शादी की बुनियाद
पूर्वार्थ
दो
दो
*प्रणय प्रभात*
भीड़ में रहते है मगर
भीड़ में रहते है मगर
Chitra Bisht
"" *दिनकर* "'
सुनीलानंद महंत
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भारत देश महान है।
भारत देश महान है।
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"माखुर"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
समय के साथ
समय के साथ
Davina Amar Thakral
Virtual vs. Real: The Impact on Brain Development of Children in Modern World
Virtual vs. Real: The Impact on Brain Development of Children in Modern World
Shyam Sundar Subramanian
पिता आख़िर पिता है
पिता आख़िर पिता है
Dr. Rajeev Jain
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शेर अर्ज किया है
शेर अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...