Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2024 · 1 min read

इत्तिहाद

अदना सा हूं ,
सबका भला चाहता हूं ,

इंसाफ़ का पैरोकार ,
सदाक़त का साथ देना चाहता हूं ,

ज़ुल्मो तशद्दुद के ख़िलाफ़
आवाज़़ उठाना चाहता हूं ,

ग़ुर्बत को ख़त्मकर
ख़ुशहाली लाना चाहता हूं ,

क़ौमी- यकजेहती की मिसाल
कायम करना चाहता हूं।

Language: Hindi
150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
parvez khan
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कामयाबी का
कामयाबी का
Dr fauzia Naseem shad
किरदार निभाना है
किरदार निभाना है
Surinder blackpen
"उल्लास"
Dr. Kishan tandon kranti
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
Meera Thakur
"शिक्षक दिवस और मैं"
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
शिक्षकों को प्रणाम*
शिक्षकों को प्रणाम*
Madhu Shah
आसमाँ .......
आसमाँ .......
sushil sarna
माँ
माँ
Dr.Pratibha Prakash
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
4676.*पूर्णिका*
4676.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
Rj Anand Prajapati
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
शीर्षक – कुछ भी
शीर्षक – कुछ भी
Sonam Puneet Dubey
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Harminder Kaur
😢अलविदा ताई जी😢
😢अलविदा ताई जी😢
*प्रणय*
बचपन में…
बचपन में…
पूर्वार्थ
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
दोषी कौन?
दोषी कौन?
Indu Singh
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
Loading...