इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
गज़ल
2122/1212/22(112)
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
प्यार तुमसे हुआ नहीं होता।
कोई दुनियां से हो बड़ा लेकिन,
माॅं से कोई बड़ा नहीं होता।2
बिन तपाए मियां करो कुछ भी,
कोई सोना खरा नहीं होता।3
कर्म इंसान के बुरे होते,
कोई इंसां बुरा नहीं होता।4
एक प्रेमी अगर न मिलता तो,
प्यार का सिलसिला नहीं होता।5
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी