इतिहास
इतिहास हम पढ़बै।
हम इतिहास समझबै।
इतिहास हम लिखबै।
हम इतिहास बनैबे।
इतिहास में पूर्बज खोजबै।
नायक इतिहास में ढ़ूढबै।
इतिहास मे खलनायक खोजबै।
नया इतिहास बनैबे।
इतिहास में उत्सव खोजबै।
राजनीति इतिहास मे ढ़ूढबै।
इतिहास में समाजनीति खोजबै।
धर्मनीति इतिहास में ढ़ूढबै।
इतिहास से सबक सीखबै।
ज्ञान इतिहास से बढ़बै।
इतिहास में मान बढ़बै।
रामा मर्म इतिहास के समझबै।
स्वरचित@सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।