Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2022 · 1 min read

इतिहास खुद को दोहराता है …

१०० साल तुमने हम पर राज किया ,
हम पर जुल्म ओ सितम किया ।
हमारी सहनशक्ति और तुम्हारी दुष्टता की
पराकाष्ठा देखो ।
अब हमारे भारतीय मूल का व्यक्ति ,
नाम है जिसका ऋषि ,
तुम पर राज करेगा ।
मगर वोह तुम्हारी तरह दुष्ट तो न होगा ,
उसकी महानता की ऊंचाई देखो ।
सच है यह इतिहास खुद को दोहराता है ,
अपना ही किया हुआ कर्म ,
जमीर के आईने में नजर आता है ।
तुम बस यह आईना देखो ।

Language: Hindi
141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
बुद्ध पुर्णिमा
बुद्ध पुर्णिमा
Satish Srijan
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
*स्पंदन को वंदन*
*स्पंदन को वंदन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
मंथन
मंथन
Shyam Sundar Subramanian
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन  में  नव  नाद ।
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
sushil sarna
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
Shashi kala vyas
"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
महाकाल का संदेश
महाकाल का संदेश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
■ आज का आखिरी शेर।
■ आज का आखिरी शेर।
*Author प्रणय प्रभात*
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
gurudeenverma198
नवयौवना
नवयौवना
लक्ष्मी सिंह
दिल का हर अरमां।
दिल का हर अरमां।
Taj Mohammad
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
'अशांत' शेखर
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
लहरे बहुत है दिल मे दबा कर रखा है , काश ! जाना होता है, समुन
लहरे बहुत है दिल मे दबा कर रखा है , काश ! जाना होता है, समुन
Rohit yadav
नए साल की मुबारक
नए साल की मुबारक
भरत कुमार सोलंकी
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...