Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2021 · 1 min read

इतिहास का सबक़

सत्यानाश कराना
ज़रूरी है क्या
हमें सुधरने के लिए?
अभी और कितनी
ठोकरें खानी हैं
तुम्हें संभलने के लिए?
बेहद शर्मनाक है कि
तुमने इतिहास से
कुछ नहीं सीखा वर्ना!
एक ही वाकया
काफी होता है
दुनिया बदलने के लिए!!
Shekhar Chandra Mitra
#oshovision

Language: Hindi
344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे राम तेरे राम
मेरे राम तेरे राम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सोनू की चतुराई
सोनू की चतुराई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
सियासी खबरों से बचने
सियासी खबरों से बचने
*Author प्रणय प्रभात*
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
पिता
पिता
Kavi Devendra Sharma
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
সিগারেট নেশা ছিল না
সিগারেট নেশা ছিল না
Sakhawat Jisan
(9) डूब आया मैं लहरों में !
(9) डूब आया मैं लहरों में !
Kishore Nigam
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ Rãthí
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
अंत समय
अंत समय
Vandna thakur
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
Swami Ganganiya
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
sushil sarna
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
Loading...