Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2016 · 1 min read

इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये

इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये
ले जा के तूर पर सर हवाओं के फोड़े गये

आने लगे थे ख़्वाब कुछ हाये दिल से उठकर
मानिंद गीले कपड़े के आँख से निचोड़े गये

बता कौन निभाता है खून के भी रिश्ते यहाँ
हां वो भी आख़िर टूटे जो दिल से जोड़े गये

कुछ इस तरह रहा तमाम उम्र का हिसाब मेरा
कुछ गये संजीदगी में दिल्लगी में थोड़े गये

हुआ दिल के पार कोई कोई जिगर के पार था
किस किस की जबां के तरकश से तीर छोड़े गये

मुद्दत बाद सोया है गहरी नींदों में कोई
यूँ लगता है उसके बेचे सारे घोड़े गये

जिन्हें याद ही न हुआ सबक़ मोहब्बत का यहां
वो दरबार-ए-ज़ीस्त में ‘सरु’ खाते कोड़े गये

546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
विकास सैनी The Poet
हर कदम
हर कदम
surenderpal vaidya
मेरे बस्ती के दीवारों पर
मेरे बस्ती के दीवारों पर
'अशांत' शेखर
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
gurudeenverma198
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
manjula chauhan
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
Ravi Prakash
पावन मन्दिर देश का,
पावन मन्दिर देश का,
sushil sarna
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
जीवन एक संघर्ष ही तो है
जीवन एक संघर्ष ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
Rituraj shivem verma
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
VINOD CHAUHAN
साधना  तू  कामना तू।
साधना तू कामना तू।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
भोर के ओस!
भोर के ओस!
कविता झा ‘गीत’
मानव जीवन - संदेश
मानव जीवन - संदेश
Shyam Sundar Subramanian
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
यह संसार अब भी ऐसे लोगों से भरा पड़ा है, जिन्हें साफ-सफाई के
यह संसार अब भी ऐसे लोगों से भरा पड़ा है, जिन्हें साफ-सफाई के
*प्रणय*
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
ग़ज़ल _ रोज़ तन्हा सफ़र ही करती है ,
ग़ज़ल _ रोज़ तन्हा सफ़र ही करती है ,
Neelofar Khan
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...