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19 Mar 2021 · 1 min read

इतने हादसे हुए हैं

हमारे साथ इतने हादसे हुए हैं
हम जगह जगह से टूटे हुए हैं

उनकी महक अभी कम न हुई
गोया कि वो फूल सूखे हुए है

वो कहता है कि उसे याद नहीं हम
जिसकी याद में खुद को भूले हुए हैं

क्या हुआ जो मेरे ख्वाब टूट गए
ख़्वाब किसी के कभी पूरे हुए हैं

ये जो गहरी गहरी आंखे हैं तेरी
हम इसी झील में तो डूबे हुए हैं

हर एक नाज़ उठाया है “अर्श” हमने
आप फिर किस बात पे रूठे हुए हैं

2 Comments · 303 Views
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