इतने हादसे हुए हैं
हमारे साथ इतने हादसे हुए हैं
हम जगह जगह से टूटे हुए हैं
उनकी महक अभी कम न हुई
गोया कि वो फूल सूखे हुए है
वो कहता है कि उसे याद नहीं हम
जिसकी याद में खुद को भूले हुए हैं
क्या हुआ जो मेरे ख्वाब टूट गए
ख़्वाब किसी के कभी पूरे हुए हैं
ये जो गहरी गहरी आंखे हैं तेरी
हम इसी झील में तो डूबे हुए हैं
हर एक नाज़ उठाया है “अर्श” हमने
आप फिर किस बात पे रूठे हुए हैं