इतनी सी महरबानी कर दे l
इतनी सी महरबानी कर दे l
बस हिज्र की कुर्बानी कर दे ll
भाग्य निष्ठुरता अगर करे तो l
गीत में प्रीत कहानी करदे ll
हिज्र न करे खर्च जवानी तो l
जवानी अयां, जुबानी करदे ll
मधुर कर, तन ओ मन ले ओ दे l
एक निराली निशानी करदे ll
मधुर मधुर ख्यालों ओ ख्वाबों में l
मधुर मिलन की, छावनी करदे ll
प्रीत प्यास में रूह सामिल कर l
यूँ प्रीत को रूहानी करदे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”