इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से
इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से, ये रास्ता अनजान होता हैं…
कसम से जो एक बार निकल पड़ा इन रास्तों पर, वापसी आने का फिर नाम नहीं होता है….
– कृष्ण सिंह
इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से, ये रास्ता अनजान होता हैं…
कसम से जो एक बार निकल पड़ा इन रास्तों पर, वापसी आने का फिर नाम नहीं होता है….
– कृष्ण सिंह