Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2022 · 1 min read

इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से

इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से, ये रास्ता अनजान होता हैं…
कसम से जो एक बार निकल पड़ा इन रास्तों पर, वापसी आने का फिर नाम नहीं होता है….
– कृष्ण सिंह

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
????????
????????
शेखर सिंह
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
#ऐसे_समझिए...
#ऐसे_समझिए...
*प्रणय प्रभात*
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे सनम
मेरे सनम
Shiv yadav
*आम (बाल कविता)*
*आम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सम्मान से सम्मान
सम्मान से सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
सरस्वती वंदना-1
सरस्वती वंदना-1
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रक्त एक जैसा
रक्त एक जैसा
Dinesh Kumar Gangwar
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
gurudeenverma198
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
ruby kumari
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
Surinder blackpen
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
आत्म साध्य विचार
आत्म साध्य विचार
Neeraj Mishra " नीर "
All your thoughts and
All your thoughts and
Dhriti Mishra
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...