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27 May 2023 · 1 min read

इतना तो अधिकार हो

(21)
जीवन का जीवन पर
तेरे ये उपकार हो ।
केवल सफलता ही नहीं
हार भी स्वीकार हो।।

वाणी तेरी मीठी-मीठी
उच्च तेरे विचार हो।
मित्र बने शत्रु भी तेरे
ऐसा तेरा व्यवहार हो ।।

तेरी प्रतिष्ठा तेरा गौरव
जीवन का पर्याय हो, ।
जाग उठे आत्मा तेरी
ऐसी एक ललकार हो।।

कर दूं तुझे आत्मा ही नहीं
हर श्वास समर्पित, ।
मेरा तुझपर मेरे प्रिय
इतना तो अधिकार हो।”

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
15 Likes · 425 Views
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