इतना आसान है क्या
इतना ये आसान है क्या,
जो मौत को लगा लेते गले।
जीवन है ये खेल नहीं,
खुशियों का यहाँ कोई मेल नहीं।
है यह एक अनमोल रतन,
कैसे इसको कर दें दफ़न।
जीवन से तुम क्यों हो खफ़ा,
जो मौत हो गई इसकी सज़ा।
चकाचौंध की दुनियां में,
संभाल न ख़ुद को पाए तुम।
ऐसा भला हो क्या गया,
जो कर गए तुम ऐसी ख़ता।
तेरी दुनियां इतनी है ग़मगीन,
तुम कर गए जुर्म ये संगीन।
सस्ते इतने कफ़न हो गए,
फंदों में तुम दफ़न हो गए।
रहो मत अकेले तुम,
इस तरह ना हो जाते गुमसुम।
साथ हो खुशियाँ होंगी,
फिर ना ये दुरियाँ होंगी।