इतना आदर
मेरे जेहन में तेरा, इतना आदर है
जैसे कड़ी ठंढ में, नहाने के बराबर है।
मुझमें जो बहता, तेरे प्रेम का सागर है
जैसे बिजली छूने के बराबर है ।
तेरे नजरों का तीर मेरे सिने में, इस कदर आरपार किया
कि मेरा दीवाना होना, एक पागल के बराबर है
मेरे जेहन ………..
कोई तेरे लिए जान दे – दे,ये कौन सी बड़ी बात है
बिन तेरे मेरा दिन भी, जब रात के बराबर है।
मेरे जेहन …………
तुझमे कोई दाग नही, ये तो मुझे भी लगता है
क्योकि वो दगा चंद भी, नही तेरे बराबर है |
मेरे जेहन……….
✍️ बसंत भगवान राय