Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

इजाजत

है तुझे भी इजाजत अपने सपनों को जीने का,
खुशियों के चंद लम्हें में गम को अपने पीने का,
अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहे तो कर,
रिश्तों के उधड़ते धागों को अपने मन से सीने का।

है तुझे भी इजाजत अपनी पहचान बनाने का,
स्वयं से जो वादे किए हैं उसको बखूबी निभाने का,
जीवन के धूप छाँव को हँसकर सहते हुए,
अपनी मंजिल के लिए प्रयासरत होते हुए पाने का।

है तुझे भी इज़ाजत थोड़ा खुलकर हँसने का,
दर्द जब बहुत हो तो चुपचाप जी भर रोने का,
हौसलों की अभेद्य दीवार को गिराकर जीवन में,
थक जाने पर थोड़ा थमकर सुस्ताने का।

है तुझे भी इजाजत खुद से इश्क फरमाने का,
नाराजगी हो स्वयं से अगर खुद को बहलाने का,
थोड़ा सजने सँवरने का खुद को निखारने का,
है खुशियाँ पाने का और उसको लुटाने का।

Language: Hindi
42 Views

You may also like these posts

मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
Dr. Man Mohan Krishna
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
#अनुत्तरित प्रश्न
#अनुत्तरित प्रश्न
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सुप्रभात!
सुप्रभात!
Sonam Puneet Dubey
"तलबगार"
Dr. Kishan tandon kranti
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विषय -धुंध
विषय -धुंध
Sushma Singh
अज्ञानी मन @ कविता
अज्ञानी मन @ कविता
OM PRAKASH MEENA
है परीक्षा की घड़ी
है परीक्षा की घड़ी
Sanjay Narayan
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
बात
बात
Shriyansh Gupta
4506.*पूर्णिका*
4506.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जपू नित राधा - राधा नाम
जपू नित राधा - राधा नाम
Basant Bhagawan Roy
आज रविवार है -व्यंग रचना
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
- घर -घर की बाते -
- घर -घर की बाते -
bharat gehlot
इंसान को,
इंसान को,
नेताम आर सी
🙂
🙂
Chaahat
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Agarwal
आरामदायक है भारतीय रेल
आरामदायक है भारतीय रेल
Santosh kumar Miri
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
*प्रणय*
I Haven't A Single Things in My Life
I Haven't A Single Things in My Life
Ravi Betulwala
Loading...